देहरादून। उत्तराखंड पुलिस विभाग में लंबे इंतजार के बाद निरीक्षक नागरिक पुलिस की पदोन्नति प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। आदेशानुसार, वर्ष 2023-2024-2025 के चयन वर्ष के तहत विभागीय चयन समिति की संस्तुति के आधार पर 27 उप निरीक्षकों को निरीक्षक नागरिक पुलिस के पद पर प्रमोशन दिया गया है। यह पदोन्नति उत्तराखंड पुलिस उप निरीक्षक एवं निरीक्षक (नागरिक पुलिस/अभिसूचना) सेवा नियमावली 2018 तथा संशोधित नियमावली 2024 के तहत की गई है। पदोन्नति सूची में ऊधमसिंहनगर, देहरादून, टिहरी गढ़वाल, अल्मोड़ा, नैनीताल, हरिद्वार सहित विभिन्न जिलों में तैनात अधिकारियों के नाम शामिल हैं।

जारी आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि यह पदोन्नति नैनीताल हाईकोर्ट में विचाराधीन स्पेशल अपील संख्या 459/2021 उत्तराखंड राज्य बनाम पूरण सिंह एवं अन्य, रिट याचिका संख्या 1128/एसएस/2020 दिनेश कुमार एवं अन्य बनाम राज्य सरकार, तथा लोक सेवा अधिकरण में निर्देश याचिका संख्या 17/2025 विकास रावत एवं अन्य बनाम राज्य एवं अन्य मामलों में न्यायालय के अंतिम निर्णय के अधीन रहेगी। नए निरीक्षकों की नियुक्ति परिवीक्षा अवधि के तहत की जाएगी। नियमावली के अनुसार, पदोन्नत अधिकारियों को दो वर्षों की परिवीक्षा अवधि में रखा जाएगा, जिसे आवश्यकतानुसार एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। यदि इस अवधि के दौरान कोई अधिकारी संतोषजनक प्रदर्शन नहीं करता है तो उसे पूर्व पद पर वापस भेजा जा सकता है या उसकी सेवाएं समाप्त की जा सकती हैं।

स्थायीकरण की प्रक्रिया भी सेवा नियमावली के तहत तय होगी। पदोन्नत अधिकारियों को स्थायीकरण के लिए निर्धारित प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करना होगा, उनका कार्य एवं आचरण संतोषजनक होना चाहिए और उनकी सत्यनिष्ठा प्रमाणित होनी आवश्यक है। निरीक्षक पद पर पदोन्नत होने वाले अधिकारियों में विकास कुमार, टीकम सिंह चौहान, मदन मोहन भट्ट, कमल सिंह कोरंगा, दीवान सिंह बिष्ट, जितेंद्र सिंह चौहान, विपिन बहुगुणा, मनमोहन सिंह रावत, मदन मोहन जोशी, प्रदीप सिंह रावत, राजेश पांडे, धर्मेंद्र सिंह, योगेश दत्त, कैलाश चंद्र जोशी, श्वेता नेगी, मनोज रावत, भगवान सिंह महर, भास्कर थपलियाल, अशोक कश्यप, अनुरोध व्यास, देवेंद्र गौरव, हरेंद्र सिंह नेगी, चेतन रावत, सरिता शाह, अनिल उपाध्याय, संजय मिश्रा और प्रशांत बहुगुणा के नाम शामिल हैं।







