- मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला विकास प्राधिकरण की चार टीमों ने चलाया अभियान, बिना मानचित्र स्वीकृति और रजिस्ट्री के निर्माण कार्यों का खुलासा
हल्द्वानी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देशों के अनुपालन में प्रदेशभर में अवैध निर्माण और भूखंड रजिस्ट्री की जांच का अभियान तेज हो गया है। इसी क्रम में रविवार को जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण, क्षेत्रीय कार्यालय हल्द्वानी के अधीन चार अलग-अलग टीमों ने नैनीताल, भवाली, हल्द्वानी और रामनगर क्षेत्रों में 100 वर्ग गज से कम रजिस्ट्री बैनामा वाले भूखंडों का सत्यापन किया। सिटी मजिस्ट्रेट ए. पी. बाजपेयी के नेतृत्व में हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में ग्राम देवला तल्ला पंजाया में की गई जांच में 16 प्लॉटों की रजिस्ट्री की पड़ताल की गई। इनमें से 10 प्लॉटों के धारकों ने रजिस्ट्री बैनामे की प्रति प्रस्तुत नहीं की, जबकि शेष 6 ने स्टाम्प में भूमि क्रय किए जाने की बात कही, लेकिन मौके पर कोई दस्तावेज या मानचित्र स्वीकृति नहीं दिखाई गई। इसी तरह गौजाजाली उत्तर बरेली रोड हल्द्वानी में किए गए सत्यापन में 20 भूखंडों में से 11 बिना मानचित्र स्वीकृति के निर्माणाधीन पाए गए, जबकि अन्य 9 प्लॉटों पर मानचित्र की शर्तों का उल्लंघन करते हुए सैटबैक और मार्गाधिकार में निर्माण कार्य किया जा रहा था।
रामनगर के पूछड़ी क्षेत्र में तीसरी टीम द्वारा की गई जांच में भी अनियमितताओं की भरमार मिली। 20 प्लॉटों की जांच में केवल 7 के पास रजिस्ट्री व बैनामा की प्रति थी, जबकि 13 प्लॉटधारक कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके। सभी मामलों में भवन मानचित्र स्वीकृति भी अनुपस्थित पाई गई। नैनीताल और भवाली क्षेत्र में सचिव जिला विकास प्राधिकरण विजय नाथ शुक्ल के नेतृत्व में की गई छापेमारी में भी चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई। नैनीताल के बूचड़खाने क्षेत्र में 29 और भवाली में 18 प्लॉटों की जांच में किसी भी व्यक्ति ने भवन नक्शे की स्वीकृति प्रस्तुत नहीं की। सचिव जिला विकास प्राधिकरण ने स्पष्ट किया कि इस अभियान के तहत जो भी व्यक्ति उत्तराखंड नगर एवं ग्राम नियोजन अधिनियम और भवन उपविधियों का उल्लंघन करते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। सत्यापन अभियान में राजस्व विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारी भी उपस्थित रहे।