हल्द्वानी। वक्फ बोर्ड संशोधन अधिनियम 2024 को लेकर मुस्लिम समाज में उत्साह का माहौल है। पूर्व उपाध्यक्ष, अल्पसंख्यक आयोग, मज़हर नईम नवाब ने हल्द्वानी में आयोजित प्रेस वार्ता में इसे ऐतिहासिक कदम करार दिया। उन्होंने कहा कि यह अधिनियम न केवल गरीब मुस्लिम समाज के हितों की रक्षा करेगा, बल्कि वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जों को हटाने और उनके सही उपयोग को सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मज़हर नईम नवाब ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की सराहना करते हुए कहा कि इस अधिनियम के माध्यम से पारदर्शिता, जवाबदेही और न्यायसंगत व्यवस्था स्थापित करने का कार्य किया गया है। वक्फ संपत्तियों का उपयोग अब उन उद्देश्यों के लिए किया जाएगा, जिनके लिए वे मूल रूप से बनाई गई थीं – यानी गरीब, जरूरतमंद और समाज के पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए।
मज़हर नईम नवाब ने बताया कि पिछले 70 वर्षों में वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे और दुरुपयोग के मामलों में गंभीर अनियमितताएं सामने आई थीं। उन्होंने कांग्रेस सरकारों पर आरोप लगाया कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट ने यह स्पष्ट किया था कि वक्फ संपत्तियों की आमदनी में लगातार गिरावट आई, जिससे मुस्लिम समाज कमजोर हुआ। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने दशकों तक मुस्लिम समाज को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया और उनके वास्तविक विकास पर ध्यान नहीं दिया। मज़हर नईम नवाब ने प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शी सोच की तारीफ करते हुए कहा कि “सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास” की नीति के तहत यह अधिनियम मुस्लिम समाज के समग्र उत्थान में मददगार बनेगा। गरीब बच्चों की शिक्षा, रोजगार और समाज के पिछड़े वर्गों को लाभ पहुंचाने के लिए वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।
मज़हर ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह अधिनियम मुस्लिम समाज के कल्याण के लिए है, लेकिन कांग्रेस इसका विरोध कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने दशकों तक मुस्लिम समाज के हितों को अनदेखा किया और उन्हें केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया। अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सरकार से अपील करते हुए मज़हर नईम नवाब ने कहा कि इसे जमीनी स्तर पर लागू किया जाए ताकि जरूरतमंदों तक इसका वास्तविक लाभ पहुंचे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस कदम से मुस्लिम समाज सशक्त होकर आत्मनिर्भर बनेगा और नई राह पर अग्रसर होगा।