हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/चंपावत। उत्तराखंड के चंपावत जिले में वन विभाग ने तेंदुए के आतंक को देखते हुए ग्रामीणों के जंगल जाने पर रोक लगा दी है। वन विभाग की ओर से 15 ग्राम प्रधानों को पत्र लिख कर ग्रामीणों को जंगल जाने से रोकने का अनुरोध किया गया है।
वन विभाग की ओर से एक फरवरी को लिखे गये पत्र में कहा गया है कि तेंदुए ने दो महीने के अंतराल में लगातार जंगल गयी दो महिलाओं को मौत के घाट उतार दिया है। दिसंबर में ढकना बडोला व जनवरी अंत में ग्राम नघान की एक-एक महिला को तेंदुए ने मौत के घाट उतार दिया, जो कि दुखद है।
वन विभाग के कर्मचारियों की गश्त व कैमरा ट्रैप में जंगल में लगातार तेंदुए की उपस्थिति दर्ज हुई है। ऐसे में ग्रामीणों की ओर से जंगल में लकड़ी व मवेशियों के लिये चारा पत्ती के लिये जाना किसी खतरे से खाली नहीं है। वन क्षेत्राधिकारी हेम चंद्र पांडे की ओर से 15 ग्राम प्रधानों को पत्र लिख कर ग्रामीणों की जगल में आवाजाही पर रोक लगाने की मांग की गयी है।
जिन ग्राम प्रधानों को पत्र लिखा गया है उनमें ग्राम प्रधान ढकना बडोला, डूंगरासेठी, पुनेठी, डंडाबिष्ट, बलाई,डिंगडई, सुयालखर्क, नघान, बडोली, क्वाटी, लफड़ा, पल्सों, जैगांव जैतोली, मौराड़ी व ग्राम प्रधान घुरचुम शामिल हैं।
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