नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी स्थित इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय खेल स्टेडियम के निर्माण में हो रही देरी के मामले में सुनवाई करते हुए शुक्रवार को निर्माण एजेंसी से दो सप्ताह में विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है। साथ ही केन्द्र, राज्य और स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ ही कुमाऊं आयुक्त को भी नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिये हैं। इस मामले को हल्द्वानी निवासी अमित खोलिया की ओर से चुनौती दी गयी है।
इस प्रकरण में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की युगलपीठ में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि हल्द्वानी के गौला पार में 15.20 हैक्टेअर वन भूमि पर 200 करोड़ की लागत से अंतर्राष्ट्रीय खेल स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है।
केन्द्र सरकार के सहयोग से बनाये जा रहे इस स्टेडियम का निर्माण 2019 में पूरा किया जाना था, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। अभी तक तीन निर्माण एजेंसियों को बदला जा चुका है। इसके बावजूद निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। अब उत्तराखंड पेयजल निर्माण निगम को शेष कार्य पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
याचिकाकर्ता की ओर से आगे कहा गया कि खेल मंत्री अरविंद पांडे भी स्टेडियम निर्माण की धीमी गति पर सवाल उठा चुके हैं। साथ ही स्टेडियम का निर्माण नहीं होने से राज्य में इसी साल होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेल के आयोजन पर भी संशय है। यही नहीं खेल स्टेडियम नहीं होने से खेल प्रतियोगितायें नहीं हो पा रही हैं। इससे खिलाड़ियों को नुकसान हो रहा है। अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया कि मामले को सुनने के बाद अदालत ने उत्तराखंड पेयजल निर्माण निगम को स्टेडियम के निर्माण में आने वाली लागत, लंबित कार्य और निर्माण कार्य पूरा होने की अवधि के संबंध में जवाब देने को कहा है।