देहरादून/नैनीताल। नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के दौरान गुरुवार को माहौल गरमा गया। मतदान के बीच भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। भाजपा ने कांग्रेस पर शांतिपूर्ण मतदान में बाधा डालने और गुंडागर्दी का आरोप लगाया, तो कांग्रेस ने पलटवार करते हुए भाजपा पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को ध्वस्त करने का आरोप मढ़ दिया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने आरोप लगाया कि कांग्रेस जानबूझकर चुनाव में उग्र वातावरण बनाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की गई और गुंडागर्दी की गई। भट्ट ने सवाल उठाया कि आखिरकार कांग्रेस नेताओं के हाथ में 15 निर्वाचित सदस्यों के प्रमाण पत्र कैसे पहुंचे, जबकि ये तो मतदाताओं के पास होने चाहिए थे। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जिला पंचायत की 12 सीटों में से कांग्रेस ने सिर्फ 4 और ब्लॉक प्रमुख के 89 पदों में से सिर्फ 7 पर ही उम्मीदवार उतारे, बाकी जगह मुकाबला भाजपा और निर्दलीयों के बीच है।
भट्ट ने कांग्रेस पर तीर चलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सीएम धामी के विकास कार्यों से घबराई कांग्रेस को पहले से पता था कि जनता का सामना करना कठिन होगा, इसलिए मैदान छोड़कर अब दूर से बयानबाजी की जा रही है। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि नैनीताल जिला पंचायत चुनाव में खुलेआम गुंडागर्दी की गई। कांग्रेस समर्थित सदस्यों को मतदान से पहले ही उठा लिया गया और कांग्रेस नेता संजीव आर्य के साथ मारपीट की गई। उन्होंने इसे नैनीताल के गौरवशाली इतिहास पर धब्बा बताया और आरोप लगाया कि भाजपा लोकतंत्र की हत्या कर रही है। हरीश रावत ने कहा कि यह सरकार का कर्तव्य है कि सभी सदस्यों को सुरक्षित मतदान का अवसर दे। उन्होंने हाईकोर्ट से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि तभी परिणाम की घोषणा होनी चाहिए जब सभी सदस्य मतदान कर लें। नैनीताल का यह चुनावी टकराव अब राजनीतिक सियासत का नया केंद्र बन गया है, और आने वाले दिनों में इसका असर प्रदेश की राजनीति पर गहराई से देखने को मिल सकता है।








