एजेंसी/नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सरोवर नगरी नैनीताल की जीवनदायिनी नैनी झील में प्रदूषण और गंदगी के मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए सोमवार को उप जिलाधिकारी (एसडीएम), नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी समेत मल्लीताल कोतवाली के प्रभारी को अदालत में तलब किया है। न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की पीठ ने अदालत ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए तीनों से झील की सफाई के मामले में बुधवार तीन मई को विस्तृत योजना के साथ अदालत में पेश होने को कहा है।
दरअसल नैनीताल शहर में पिछले दो दिनों से लगातार बरसात हो रही है। इसके चलते नैनीताल के नालों के माध्यम से बेतहाशा कूड़ा स्थानीय झील में समा रहा है। झील में प्लास्टिकजनित कूड़ा साफ तैरता हुआ दिखाई दिया। जिससे झील प्रदूषित हो गयी। लाख दावा के बावजूद प्रशासन झील को प्रदूषित होने से रोक नहीं पाया। न्यायमूर्ति श्री शर्मा ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए एसडीएम राहुल साह, नगर पालिका के ईओ आलोक उनियाल और कोतवाल धर्मवीर सोलंकी को अदालत में तलब किया। न्यायमूर्ति शर्मा ने तीनों से झील को प्रदूषणमुक्त रखने और सफाई के बारे में जवाबतलब किया लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर अदालत ने तीनों को बुधवार को विस्तृत योजना के साथ व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने के निर्देश दिये है।