एजेंसी/नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बुधवार को राज्य में देशी- विदेशी मदिरा की दुकानों के आवंटन पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ ने बुधवार को शराब विक्रेताओं की ओर से दायर राज्य सरकार की आबकारी नीति को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई की। न्यायालयय ने राज्य में देशी-विदेशी शराब की दुकानों के आवंटन पर रोक लगाने का यह आदेश दिया है। अदालत ने अगली तिथि तक यथास्थिति बनाये रखने को कहा है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अदालत को बताया गया कि राज्य सरकार की ओर से 22 मार्च को नई आबकारी नीति घोषित की गयी है। जिसे आगामी 01 अप्रैल से प्रभाव में आना है।
सरकार की ओर से 25 मार्च को विज्ञप्ति जारी कर कहा गया कि पुराने लाइसेंसधारक 29 मार्च तक अपने दुकानों का नवीनीकरण करा लें। इसके बाद जिन दुकानों का नवीनीकरण नहीं हो पायेगा उनका आवंटन 31 मार्च को लॉटरी पद्धति से किया जाएगा। याचिका में यह भी कहा गया कि आबकारी नीति में देशी और अंग्रेजी शराब के लिए अलग अलग प्रावधान हैं। देशी शराब के लिए प्रति बोतल 270 रुपये गांरटी राशि तय की गई जबकि अंग्रेजी शराब के लिए कोई राशि तय नहीं की गयी है। इसलिए वे किस आधार पर दुकानों का नवीनीकरण करें। सरकार की ओर से नवीनीकरण का समय भी कम निर्धारित किया गया है। वहीं दुकानों के लॉटरी से आवंटन का भी समय कम दिया गया है। 30 मार्च को अवकाश जबकि एक दिन बाद 31 मार्च को दुकानों का लॉटरी से आवंटन प्रक्रिया होती निर्धारित है। सरकार की ओर से लाटरी के लिए बहुत कम समय दिया गया। प्रति बोतल गारंटी भी तय नहीं है। इसलिए आवंटन प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए।