हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/हल्द्वानी। सोशल मीडिया पर जनता को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता हरीश रावत का दर्द रविवार को उनकी जुबान पर छलक आया और उन्होंने कहा कि उनके मन में घाव है कि वह 2017 में अपनी पार्टी को ऐतिहासिक हार से नहीं बचा पाये तथा पार्टी 11 सीटों पर सिमट गयी।
श्री रावत ने कहा कि यह दंश हमेशा मेरे दिल में है। उन्होंने कहा कि वह आपदाग्रस्त उत्तराखंड को सक्षम बनाने के बाजवूद अपनी पार्टी को 2017 में जीत नहीं दिला सके और उनकी पार्टी को ऐतिहासिक हार का सामना करना पड़ा। उनकी पार्टी 70 सदस्यों वाली विधानसभा में मात्र 11 सीटों पर सिमट गयी।
उन्होंने माना कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आकर्षण से उन्हें बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि श्री मोदी के चलते तब भाजपा को एकतरफा वोट पड़ गया। उन्होंने इसे सांप्रदायिकता का उभार भी करार दिया।
उन्होंने कहा कि उस आंधी के बावजूद 34 प्रतिशत लोग कांग्रेस के साथ खड़े रहे और कांग्रेस का झंडा थामे रहे। उन्होंने उकहा कि वे केवल मतदाता नहीं, वे कांग्रेस हैं और कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं। उन्होंने कहा कि वे 34 प्रतिशत लोग यदि फिर जुट जायें और निकल पड़े, तो दिल्ली वाले शैतानी नहीं कर सकेंगे। उन्होंने श्री मोदी तथा शाह का नाम लिये बगैर कहा कि ये दिल्ली वाले इसमें माहिर हैं। तब वे उच्च न्यायालय से लड़ाई जीत कर दुबारा सत्ता में आये थे।
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