एजेंसी/नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय में बुधवार को हल्द्वानी में प्रस्तावित अतंर्राज्यीय बस अड्डा (आईएसबीटी) के मामले में बुधवार को एक महत्वपूर्ण पहल सामने आयी है। सरकार की ओर से आईएसबीटी को लेकर सभी दस्तावेज एवं रिकार्ड अदालत में जमा कर दिए गये हैं। अदालत अब इन दस्तावेजों का 22 अगस्त को परीक्षण करेगी। हल्द्वानी निवासी रवि शंकर जोशी की ओर से दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई। राज्य सरकार की ओर से आज पूरा रिकार्ड सील बंद लिफाफे में अदालत के समक्ष रखा गया। अदालत ने इसे रिकार्ड में ले लिया। साथ ही अदालत इन दस्तावेजों का अगली तिथि पर परीक्षण कर किसी निर्णय पर पहुंच सकेगी।
याचिकाकर्ता जोशी की ओर से जनहित याचिका दायर कहा गया कि प्रदेश सरकार की ओर हल्द्वानी के गौलापार में आईएसबीटी का निर्माण किया जाना प्रस्तावित था। जमीन के समतलीकरण एवं अन्य कार्यों पर लगभग 11 करोड़ रुपये भी खर्च किये जा चुके हैं। साथ ही 2625 पेड़ काटे जा चुके हैं। अब सरकार इसे गौलापार से हल्द्वानी के तीनपानी शिफ्ट करने की योजना बना रही है। इससे सरकारी धन का दुरूपयोग होगा। इसके बाद अदालत ने सरकार से प्रकरण से जुड़े सभी दस्तावेज अदालत में पेश करने को कहा था। साथ ही यह भी कहा कि आखिर इसे शिफ्ट करने की जरूरत क्यों पड़ी है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी।