हल्द्वानी। उत्तराखंड अपने नैसर्गिक सौंदर्य के लिए देश में ही नहीं, बल्कि दुनिया में भी अपनी विशेष पहचान रखता है। पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियां विषम होते हुए भी यहां के लोग अपनी सभ्यता और संस्कृति को जीवित रखे हुए हैं, साथ ही देश दुनिया में अपनी विशेष पहचान भी बना रहे हैं। विषम भौगोलिक परिवेश में बसे उत्तराखंड के गांव व शहरों की यातायात व्यवस्था को ओर मजबूत बनाने के लिए आज संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक आयुक्त कुमाऊं/अध्यक्ष संभागीय परिवहन प्राधिकरण दीपक रावत की अध्यक्षता में राज्य अतिथि गृह सर्किट हाउस काठगोदाम में हुई। बैठक में हल्द्वानी नगर की बढ़ती आबादी और उनकी सुविधा के दृष्टिगत हल्द्वानी सिटी के अंदर 6 रूट प्लान तैयार किए गए हैं, जिसमें सिटी बसों का संचालन किया जाएगा। 147 नए रूट्स जो पहले निर्माणाधीन थे, अब ठीक हो गए हैं, उन पर नए सिरे से वाहनों के संचालन के लिए परमिट जारी किये जाएंगे। जिन टैक्सी चालकों ने अपनी टैक्सी पर लगेज करियर लगाए हैं, वह अमान्य है, जिनको कुछ शर्तों के अधीन मान्य किया गया है, ताकि वे अवैध तरीके से सवारी न ढो पाएं, लेकिन यदि किसी का अत्यावश्यक समान है, तो उसको ले जाने की अनुमति है।
वही जो ट्रैवल्स एजेंट हैं, उनको कुछ शर्तों के अधीन रजिस्टर्ड करने का निर्णय भी आज की बैठक में लिया गया है। स्कूल की बसों के संबंध में जो रूल्स पूर्व में बने हैं, उनको एक जगह कंपाइल किया गया है, ताकि जो भी नए परमिट दिए जाएंगे और जो भी परमिट धारक है, एक साथ उन शर्तों को देख पाएंगे और ठीक से टैक्सस व बसेस का संचालन कर पाएंगे। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जो वाहन चालक टेंपरेरी परमिट्स के आधार पर वाहनों का संचालन कर रहे हैं, उनके परमिट परमानेंट कर दिया जाएं। आयुक्त दीपक रावत ने बैठक में उपस्थित समस्त परिवहन अधिकारियों को कनेक्टिविटी को ओर बेहतर बनाने के निर्देश दिए। बैठक में आरटीओ हल्द्वानी संदीप सैनी, आरटीओ परिवर्तन हल्द्वानी नंदकिशोर, एआरएम डिपो हल्द्वानी सुरेंद्र बिष्ट, परिवहन प्राधिकरण सरकार द्वारा नामित सदस्य विनोद महरा, सूरज प्रकाश, अध्यक्ष केमू यूनियन व सदस्य सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।