हल्द्वानी। प्रदेश में आम जन की सुविधा व ऑनलाईन रिपोर्टिग को और अधिक सहज बनाने के लिए उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा शुरू की गयी ई-एफआईआर (e-FIR) सुविधा और “उत्तराखण्ड पुलिस एप्प” का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा विधिवत उदघाटन किया जा चुका है। अब घर बैठे ही वाहन चोरी और गुमशुदा वस्तुओं के संबंध में ई-एफआईआर दर्ज कराई जा सकेगी।
वही उत्तराखण्ड पुलिस एप्प में उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा आम-जनता के लिये संचालित की जा रही सभी निम्न ऑनलाईन एप्प की सुविधाओं का एक साथ एकीकरण किया गया है। जैसे गौरा शाक्ति (महिलाओं की सुरक्षा हेतु), ट्रैफिक आई (यातायात नियमों के उल्लघंन की जानकारी देने हेतु), मेरी यात्रा (उत्तराखण्ड चार धाम और पर्यटन से सम्बन्धित जानकारी हेतु), नशा मुक्त उत्तराखण्ड (नशे से बचाव व उससे सम्बधित जानकारी), साईबर शिकायत(ऑनलाईन धोखाधडी आदि), सत्यापन ( चरित्र, किरायेदार आदि ), महत्वपूर्ण फोन नम्बर्स, पुलिस स्टेशन्स, सोशल मीडिया, सीनियर सिटीजन पोर्टल, खोयी सम्पत्ति, पुलिस सिटीजन पोर्टल, कानूनी अधिकार, ट्रैक यौर कम्पलेन्टस, ई- एफआईर की सुविधा आदि।
आपको बता दें कि ई- एफआईआर उत्तराखण्ड पुलिस की एक नागरिक केन्द्रित ऑनलाईन सेवा है, जहाँ एक नागरिक वेब पोर्टल (नागिरक पोर्टल) या आगामी मोबाईल एप ( जल्द ही लॉंन्च होनी वाली देवभूमि 2.0) का उपयोग करके इलेक्ट्रानिक रुप से प्रथम सूचना रिपोर्ट ( एफआईआर) दर्ज कर सकते है। साथ ही एक बार उत्तराखण्ड नागरिक पोर्टल के साथ एक ई- एफआईआर ऑनलाईन दर्ज होने के बाद, ऑनलाईन पोर्टल नागरिकों को ई- एफआईआर की स्थिति ट्रैक रखने, प्रतियाँ देखने, डाउनलोड करने और प्रथम सूचना रिपोर्ट की डिजीटल कॉपी प्रिंट करने में मदद करने के लिए अतिरिक्त सुविधायें प्रदान करता है।
वही ई-एफआईआर अनुरोध दर्ज करने के बाद, अनुरोध ई- पुलिस स्टेशन पर आता है ई- पुलिस स्टेशन अधिकारी आवेदक द्वारा भरी गयी समस्त सूचनाओं का सत्यापन करता है यदि सभी जानकारी सही और पूर्ण पायी जाती है तो ई- पुलिस स्टेशन अधिकारी सम्बन्धित पुलिस स्टेशन में प्रार्थमिकी दर्ज करता है। एक बार पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज होने के बाद, नागरिक अपनी ई- एफआईआर की वर्तमान स्थिति को ट्रैक कर सकते है। पोर्टल से एफएआईआर की कॉपी डाउनलोड कर सकते है। यदि कोई जानकारी गलत या अधूरी है, तो ई-एफआईआर अनुरोध स्वीकार नहीं किया जाता है।
इसके साथ ही अब इन सभी एप्प की सुविधाएं एक ही जगह उत्तराखण्ड पुलिस एप्प पर मिलेंगी। उत्तराखण्ड पुलिस एप्प में इमेरजेन्सी नम्बर डायल 112 व साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज करने हेतु साइबर हैल्प लाईन नम्बर 1930 को भी जोडा गया। पुलिस उपमहानिरीक्षक कुंमायूँ परिक्षेत्र नैनीताल डॉ. नीलेश आनन्द भरणें द्वारा आमजनमानस से अनुरोध किया गया कि उक्त एप ( उत्तराखण्ड पुलिस वन एप) जो कि समस्त एन्ड्रायड फोनों के प्ले स्टोर पर उपलब्ध है, को अधिक से अधिक डाउनलोड कर ई- सुविधा का लाभ प्राप्त करें।