- अब तक मुख्य आरोपी सहित 3 गिरफ्तार, एक फरार
हल्द्वानी। उत्तराखंड के जनपद नैनीताल के हल्द्वानी में बीते दिनों कुमाऊँ ज्वेलर्स के मालिक राम सरन वर्मा के पुत्र राजीव वर्मा पर हुई फायरिंग के मामले में पुलिस ने फरार चल रहा है मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। बीती 2 नवंबर को कुमाऊं ज्वेलर्स के मालिक के पुत्र राजीव वर्मा पर दो मोटरसाइकिल चालकों द्वारा फायर कर दी थी, जिसकी सूचना राजीव के द्वारा पुलिस को दी गई थी। जिसमें पुलिस ने आरोपी के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था। वही आज अपर पुलिस अधीक्षक अपराध एवं यातायात जगदीश चंद्र ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि हल्द्वानी क्षेत्र में सर्राफा कारोबारी के साथ हुई रंगदारी मांगने एवं फायरिंग की घटना कर संज्ञान लेते हुए पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अशोक कुमार ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल पंकज को सर्राफा कारोबारी के साथ हुई घटना के अभियुक्तों को तत्काल गिरफ्तार किए जाने के निर्देश दिए थे।
उन्होंने बताया कि पुलिस कार्यवाही में प्रकाश में आया की सर्राफा कारोबारी के साथ हुई फायरिंग में मनोज अधिकारी पुत्र दिनेश अधिकारी निवासी गोजाजाली हल्द्वानी, गुरदीप सिंह पुत्र दलजीत सिंह निवासी बेरिया दौलत थाना केलाखेड़ा जिला उधम सिंह नगर, देवेंद्र सिंह उर्फ गिन्दी पुत्र कश्मीर सिंह निवासी डलपुरा थाना गदरपुर जिला उधम सिंह नगर, रमन उर्फ जिम्मी पुत्र कुलदीप कुमार निवासी सेथवाला गूलरभोज थाना गदरपुर जिला उधम सिंह नगर संलिप्त है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने सर्राफा कारोबारी के साथ हुई फायरिंग में फरार चल रहे अभियुक्तों को जनपद नैनीताल एवं जनपद उधम सिंह नगर पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा अभियोग गुरदीप सिंह व देवेंद्र सिंह को पुलबभट्टा एवं सितारगंज से गिरफ्तार कर जेल भेजा। और शेष फरार चल रहे हैं अभियुक्तों की गिरफ्तारी किए जाने हेतु पुलिस टीमों द्वारा उधम सिंह नगर, सहित अन्य राज्यो में सुरागरस्सी की गई एवं मुखबीर मामूर किए गए।
बताया जा रहा है कि अभियुक्त पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए अपनी लोकेशन को अलग-अलग स्थानों पर हॉटस्पॉट लेकर एवं व्हाट्सएप कॉल मैसेज के माध्यम से राजीव वर्मा को पुनः रंगदारी मांगने व अंजाम भुगतने की धमकी दे रहे थे। पुलिस टीम के अथक प्रयासों से आज 15 नवंबर को फरार चल रहे इनामी मुख्य अभियुक्त मनोज अधिकारी को बेलबाबा हल्द्वानी के पास से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में अभियुक्त ने बताया कि राजीव वर्मा व पंकज वर्मा के साथ पुरानी रंजिश के चलते इन लोगों द्वारा की गई मारपीट से अपनी नौकरी जाने वह उस से हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए पैसे मांगे एवं धमकाने के लिए फायर किया गया था। जिसमें उसने जेल में बंद रहने के दौरान गुरदीप व देवेंद्र से हुई जान पहचान के साथियों की मदद ली।