हल्द्वानी। उत्तराखंड के हल्द्वानी की अपर सेशन जज नीलम रात्रा की अदालत ने खटीमा के लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन सहायक अभियंता चंद्र सिंह रौतेला को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी पाते हुए शुक्रवार को पांच वर्ष के कठोर कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है। हल्द्वानी सतर्कता अधिष्ठान की टीम ने पीडब्ल्यूडी के निर्माण खंड खटीमा में सहायक अभियंता के पद पर तैनात चंद्र सिंह रौतेला को 22 जनवरी 2016 को 55000 रुपये की घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 और 7/13(1)डी सपठित धारा 13(2) के तहत अभियोग पंजीकृत कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया। अभियोजन अधिकारी दीपा रानी ने इस मामले में कुशल पैरवी की और ठोस तथ्य अदातल में पेश किये गये।
अंत में अदालत ने दोषी पाते हुए आरोपी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में तीन वर्ष के कठोर कारावास व 25000 रुपये के जुर्माना और धारा 7(13)(1)डी सपठित धारा 13(2) में पाचं वर्ष का कठोर कारावास और 25000 रुपये की जुर्माने की अलग-अलग सजा सुनायी है। जुर्माना अदा न करने पर छह-छह माह का अतिरिक्त कारावास की सजा दी गयी है। सितारगंज के ग्राम सरकड़ा निवासी रियाज की शिकायत पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया था। आरोप था कि नानकमत्ता डिग्री कालेज से मेन रोड तक निर्माण कार्य की धनराशि के भुगतान की एवज में आरोपी ने शिकायतकर्ता से 55000 की घूस की मांग की थी।