- सोशल मीडिया पोस्ट को गंभीरता से लिया, 15 दिसंबर तक सौंपी जाएगी रिपोर्ट
नैनीताल। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो/पोस्ट में राजस्व विभाग के विभिन्न कार्यों के लिए कथित “निर्धारित रेट/फीस” बताए जाने के मामले ने हड़कंप मचा दिया है। वीडियो में पटवारियों, तहसीलदारों और उप जिलाधिकारियों पर अवैध वसूली के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। मामले को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी नैनीताल ललित मोहन रयाल ने इसे सरकारी कार्यप्रणाली की पारदर्शिता पर सीधा प्रहार मानते हुए तत्काल तथ्यात्मक जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि इस प्रकार की वायरल सामग्री न केवल सरकारी छवि को प्रभावित करती है बल्कि जनविश्वास को भी क्षति पहुंचाती है, इसलिए इसकी निष्पक्ष और गहन जांच आवश्यक है। मामले की जांच अपर जिलाधिकारी (वि./रा.) शैलेन्द्र सिंह नेगी को सौंपी गई है, जिन्हें वीडियो/पोस्ट की सत्यता, स्रोत, मूल अपलोडर की पहचान, तथा आरोपों की प्रामाणिकता की विस्तृत पड़ताल कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
जांच अधिकारी वायरल सामग्री में उल्लेखित कथित “सरकारी रेट” की वास्तविकता की पुष्टि करेंगे, संबंधित राजस्व अधिकारियों से जुड़े सभी अभिलेखों की जांच करेंगे, आवश्यक दस्तावेजों का परीक्षण करेंगे तथा आवश्यकता पड़ने पर सभी पक्षों के बयान भी दर्ज करेंगे। वायरल पोस्ट से उत्पन्न सामाजिक और विधिक प्रभावों का मूल्यांकन भी रिपोर्ट में शामिल होगा। जांच रिपोर्ट 15 दिसंबर 2025 तक अनिवार्य रूप से जिलाधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत की जानी है। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि जांच पूरी होने तक कोई भी अधिकारी या कर्मचारी इस प्रकरण से संबंधित किसी भी प्रकार का बयान या स्पष्टीकरण मीडिया या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जारी नहीं करेगा। ऐसा किया जाना आचरण नियमावली का उल्लंघन माना जाएगा।






