हरिद्वार। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ज़ीरो टॉलरेंस नीति पर अमल करते हुए जिला प्रशासन ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। जिला पंचायत राज अधिकारी अतुल प्रताप सिंह ने विकास खंड लक्सर के ग्राम पंचायत अकौढ़ा खुर्द में घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग के आरोप में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी शंकरदीप को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। जांच में सामने आया कि राज्य वित्त आयोग के अनुदान से बनाई गई सीसी सड़क की गुणवत्ता अत्यंत खराब पाई गई। सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि सड़क के किनारे नाली का निर्माण बिना लेवल और औचित्य के सीसी मार्ग के ऊपर किया गया था, जिससे पानी और कीचड़ भरने की समस्या उत्पन्न हुई। निर्माण के दौरान ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, कनिष्ठ अभियंता और पंचायत अधिकारियों द्वारा निरीक्षण नहीं किया गया, जिसके चलते सड़क की गुणवत्ता प्रभावित हुई।
इस बीच, शिकायतकर्ता सुमित कुमार ने दोबारा आरोप लगाया कि जांच को प्रभावित करने के लिए संबंधित अधिकारियों ने उसी खराब सड़क पर नई सीसी लेयर डाल दी है। सहायक विकास अधिकारी (पं.) लक्सर ने मौके का निरीक्षण कर शिकायत को सही पाया और बताया कि इस कार्रवाई से जांच प्रक्रिया को भ्रामक बनाने और साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने की कोशिश की गई है। गंभीर अनियमितताओं को देखते हुए ग्राम पंचायत विकास अधिकारी शंकरदीप को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें नियमों के अनुसार केवल जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त होगा। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार और लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शासन की मंशा के अनुरूप पंचायत स्तर तक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।






