हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/नैनीताल/देहरादून। उत्तराखंड में आपदा में मरने वालों की संख्या 76 पहुंच गयी है जबकि आठ ट्रैकर समेत 14 लोग अभी भी लापता बताये जा रहे हैं। इस दौरान 33 लोग घायल हुए हैं और 389 मकानों को क्षति पहुंची हैं।
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार की ओर दी गयी जानकारी के अनुसार प्रदेश पुलिस की ओर से कुल 48211 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है और 9926 लोगों को आपदा के दौरान रेस्क्यू किया गया है जिनमें से सबसे अधिक 9421 लोग कुमाऊं परिक्षेत्र से जुड़े हैं।
आपदा के कहर में मरने वालों की संख्या सबसे अधिक नैनीताल जनपद से हैं। पुलिस के आंकड़ों के अनुसार यहां अभी तक 32 लोगों की मौत हुई है। मृतकों में 12 लोग दूसरे राज्यों बिहार व उप्र के हैं। जिला प्रशासन की ओर से मृतकों के शवों को उनके परिजनों तक पहंुचाया गया है। श्री कुमार ने बताया कि प्रदेश में 33 लोग घायल हुए हैं। जिन्हें पुलिस की ओर से समय पर मेडिकल सुविधा मुहैया करायी गयी और अस्पतालों तक पहुंचाया गया।
उन्होंने आपदा के दौरान अच्छा कार्य करने के लिये डीजीपी नीलेश आनंद भरणे और नैनीताल की एसएसपी प्रीति प्रियदर्शिनी की पीठ थपथपायी और कहा कि आपदा के दौरान अच्छा कार्य करने वाले पुलिस कर्मियों को 26 जनवरी के अवसर पर सम्मानित किया जायेगा। उन्होंने आगे कहा कि मौसम की चेतावनी मिलने के बाद पुलिस तुरंत हरकत में आयी और 65846 लोगों को पहाड़ों में जाने से रोका गया। उन्होंने आशंका जताई कि यदि पुलिस इतनी बड़ी संख्या में जाने से नहीं रोकती तो मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता था।
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