हल्द्वानी। गौला, नंधौर और सुखी नदी में पिछली बरसात के दौरान हुए भारी नुकसान के स्थाई और दीर्घकालिक समाधान के लिए विभिन्न विभागों की एक समिति ने गुरुवार को गौला नदी का निरीक्षण किया। उप जिलाधिकारी परितोष वर्मा के नेतृत्व में गठित इस समिति ने नदी के किनारे और पुलों के पास हुए क्षरण का विस्तारपूर्वक आकलन किया। समिति के सुझाव जिलाधिकारी के समक्ष रखे जाएंगे, जिन्हें दीर्घकालिक समाधान के तौर पर अपनाया जा सकता है। निरीक्षण के दौरान समिति ने काठगोदाम स्थित गौला पुल के ऊपरी हिस्से में भारी मात्रा में जमा मलबे का अध्ययन किया, जिससे पुल को संभावित नुकसान का अंदेशा जताया गया। इस मलबे को हटाने पर चर्चा हुई। इसके अलावा, राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग ने काठगोदाम गौला पुल के रिनोवेशन का नक्शा सिंचाई विभाग के साथ साझा किया, ताकि दोनों विभाग समन्वय से टेक्निकल सुझाव लेकर सुरक्षात्मक कार्य शुरू कर सकें।

समिति ने पुल के निचले और ऊपरी हिस्सों में ड्रेजिंग के सुझाव भी दिए, ताकि भविष्य में होने वाले नुकसान से बचा जा सके। हल्द्वानी गौला पुल का निरीक्षण करते समय समिति ने बताया कि आईआईटी रुड़की और अन्य टेक्निकल टीमों के इनपुट्स अभी प्राप्त नहीं हुए हैं। जैसे ही यह इनपुट्स मिलेंगे, समिति अपनी रिपोर्ट जिला अधिकारी को प्रस्तुत करेगी। इसके अलावा, बिंदुखत्ता के पास इंदिरा नगर एलिफेंट कॉरिडोर जोन में भी ड्रेजिंग के सुझाव दिए गए हैं, ताकि भू-कटाव और अन्य संबंधित विभागों को हो रहे नुकसान को रोका जा सके। इस निरीक्षण में उप जिलाधिकारी परितोष वर्मा, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता अशोक चौधरी, राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग की मीनू, तराई पूर्वी वन विभाग के एसडीओ अनिल जोशी, हल्द्वानी वन प्रभाग के एसडीओ रमेश जोशी, सिंचाई विभाग और रेलवे विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।