- अगले बजट सत्र में वृहद भू-कानून लाने के प्रयास जारी
देहरादून। शुक्रवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए राज्य में भू-कानून के मुद्दे पर गंभीर रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड की भौगोलिक और सामाजिक परिस्थितियों के अनुरूप एक वृहद भू-कानून लाने के लिए प्रयासरत है। अगले बजट सत्र में इसे लाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रावधानों के तहत नगर निकाय क्षेत्र से बाहर कोई भी व्यक्ति ढाई सौ वर्ग मीटर तक भूमि बिना अनुमति के खरीद सकता है, लेकिन यह देखा गया है कि कुछ लोग परिवार के अलग-अलग सदस्यों के नाम पर भूमि क्रय कर इस प्रावधान का उल्लंघन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों की जांच कराई जाएगी और जिन व्यक्तियों ने नियमों का उल्लंघन किया है, उनकी जमीनें राज्य सरकार में निहित की जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि पर्यटन, उद्योग और अन्य व्यवसायिक गतिविधियों के नाम पर ली गई जमीनों का उपयोग निर्धारित उद्देश्यों के लिए न होने पर कार्रवाई की जाएगी। ऐसे जमीन मालिकों की पहचान की जा रही है और उनकी भूमि भी राज्य सरकार में निहित करने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने 2017 में भूमि क्रय संबंधी नियमों में किए गए बदलावों पर भी पुनर्विचार की बात कही। उन्होंने कहा कि 12.5 एकड़ की अधिकतम सीमा को खत्म करने और जमीन क्रय के लिए जिला स्तर के अधिकारियों को अधिकृत करने जैसे प्रावधानों का परिणाम सकारात्मक नहीं रहा है, इसलिए इन प्राविधानों की समीक्षा की जाएगी और आवश्यक होने पर इन्हें समाप्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पर्यटन, उद्योग, शिक्षा और व्यापार में निवेश करने वाले उन व्यक्तियों और संस्थाओं को परेशान होने की जरूरत नहीं है, जिनसे राज्य में रोजगार सृजन और आर्थिक मजबूती आई है। सरकार उनके हितों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने अंत में जनता को आश्वस्त करते हुए कहा, “जिस प्रकार हमारी सरकार ने लंबे समय से अटके विभिन्न मुद्दों का समाधान किया है, उसी तरह भू-कानून का समाधान भी हमारी सरकार ही करेगी।”