देहरादून। उत्तराखंड में आगामी नगर निकाय चुनावों में पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। अब सभी प्रत्याशियों को अपनी पृष्ठभूमि की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी। निर्वाचन आयोग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव प्रक्रिया पारंपरिक बैलेट पेपर के माध्यम से संपन्न होगी। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल कुमार गोयल द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1916 और उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959 (उत्तराखंड में लागू) के तहत प्रत्याशियों को नामांकन पत्र के साथ शपथ-पत्र जमा करना होगा। इस शपथ-पत्र में उनकी आपराधिक पृष्ठभूमि, संपत्ति, आय के स्रोत, कर भुगतान, शैक्षिक योग्यता और वैवाहिक स्थिति सहित अन्य जानकारियां शामिल होंगी। यह जानकारी संबंधित जिलाधिकारी की वेबसाइट पर सार्वजनिक की जाएगी, जिससे मतदाता प्रत्याशियों की पारदर्शी पृष्ठभूमि जान सकें।
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निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिया है कि यह जानकारी दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित कर मतदाताओं तक पहुंचाई जाएगी। इस कदम का उद्देश्य मतदाताओं को जागरूक करना और उन्हें सही प्रतिनिधि चुनने का अधिकार देना है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई प्रत्याशी किसी आपराधिक मामले में दोषी पाया गया है या किसी मामले में अभियुक्त है, तो वह जानकारी भी अनिवार्य रूप से साझा करनी होगी। इसके अलावा, राज्य निर्वाचन आयुक्त ने घोषणा की कि नगर निकाय चुनावों में मतदान पारंपरिक बैलेट पेपर के माध्यम से होगा। बैलेट पेपर के जरिए मतदान प्रक्रिया को सरल और अधिक पारदर्शी बनाने का प्रयास किया जाएगा। निर्वाचन आयोग ने जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि इन आदेशों का पालन सुनिश्चित किया जाए।