- बरेली से रुद्रपुर-किच्छा में तस्करी के लिए ला रहा था प्रतिबंधित इंजेक्शन, अंतरराज्यीय नेटवर्क का भंडाफोड़
देहरादून। उत्तराखंड में नशा तस्करी के खिलाफ चल रहे ड्रग्स-फ्री देवभूमि अभियान के तहत एसटीएफ ने वर्ष 2024 की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। किच्छा थाना क्षेत्र के पंतपुरा तिराहे के पास से 1600 प्रतिबंधित नशीले इंजेक्शनों के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया गया। आरोपी की पहचान वीरपाल (29), निवासी शरीफ नगर, बरेली के रूप में हुई है।एसटीएफ की एंटी नार्कोटिक्स टीम ने यह कार्रवाई स्थानीय पुलिस के सहयोग से की। पकड़े गए इंजेक्शनों में 800 BUPRENORPHINE और 800 AVIL शामिल हैं। इनकी कीमत करीब 10 लाख रुपये से अधिक आंकी गई है। अधिकारियों के अनुसार, BUPRENORPHINE नामक यह घातक इंजेक्शन अत्यधिक शक्तिशाली है और इसकी अल्प मात्रा भी गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है।
पूछताछ में वीरपाल ने बताया कि वह यह माल बरेली के अरविंद नाम के व्यक्ति से लेकर आया था। उसने स्वीकार किया कि इन इंजेक्शनों को रुद्रपुर और किच्छा क्षेत्र में ऊंचे दामों पर फुटकर में बेचने की योजना थी। तस्कर ने यह भी कबूल किया कि वह लंबे समय से इस क्षेत्र में नशीले पदार्थों की तस्करी में सक्रिय है। एसटीएफ को आरोपी से अन्य तस्करों के नाम भी मिले हैं, जिनके खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी। एसटीएफ उत्तराखंड ने वर्ष 2024 में अब तक 06.975 किलोग्राम स्मैक, 19.808 किलोग्राम चरस, 5.322 किलोग्राम अफीम, 300 किलोग्राम डोडा पोस्त, 37.100 किलोग्राम गांजा और 1600 प्रतिबंधित नशीले इंजेक्शन बरामद किए हैं। इसके साथ ही, 46 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है।

एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत भुल्लर ने कहा कि उत्तराखंड को नशा मुक्त बनाने के लिए कड़ी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने जनता से अपील की कि किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहें और नशा तस्करी से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए तुरंत एसटीएफ से संपर्क करें। यह कार्रवाई एसटीएफ कुमाऊं यूनिट के प्रभारी निरीक्षक पावन स्वरूप के नेतृत्व में हुई। अभियान में अपर पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह, सीओ आर. बी. चमोला, और स्थानीय पुलिस की टीम ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गिरफ्तार आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। एसटीएफ का कहना है कि वे ड्रग्स तस्करों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए लगातार अभियान जारी रखेंगे।