देहरादून। रोजगार के नाम पर थाईलैंड और म्यांमार के जरिए मानव तस्करी कर साइबर अपराधों में धकेले जा रहे भारतीय युवकों के नेटवर्क का उत्तराखंड STF ने बड़ा खुलासा किया है। म्यांमार के मयावाडी स्थित कुख्यात K.K पार्क में अवैध रूप से बंधक बनाकर साइबर क्राइम करवाए जा रहे विभिन्न राज्यों के युवकों में से उत्तराखंड के 9 युवकों को सुरक्षित वापस लाकर परिजन के सुपुर्द कर दिया गया। नवंबर 2025 में म्यावाडी के K.K पार्क में छिपकर अवैध तरीके से रोके गए भारतीय युवकों के मामले में STF ने विस्तृत पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि भारतीय एजेंट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम, व्हाट्सऐप और मोबाइल कॉल के जरिए युवाओं को कंप्यूटर वर्क की फर्जी नौकरी का लालच देकर भारी रकम वसूल रहे थे। इन युवकों को टूरिस्ट वीजा पर बैंकॉक भेजा जाता था, जहाँ से उन्हें अलग-अलग वाहनों और जंगल-पहाड़-नदी रास्तों से अवैध रूप से म्यावाडी (म्यांमार) में घुसाया जाता था।
K.K पार्क में चीनी कंपनियों द्वारा संचालित अवैध कॉल सेंटर्स में इन युवकों को बंधक बनाकर साइबर अपराध की ट्रेनिंग दी जाती थी, जिसमें फोन नंबर ट्रेसिंग, फिशिंग, और धोखाधड़ी के लिए विभिन्न एप्लीकेशन व वेबसाइटों का उपयोग शामिल था। यहाँ वियतनाम, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ्रीकी देशों के युवकों को भी इसी तरह जबरन साइबर अपराधों में लगाया जा रहा था। प्रारम्भिक जांच में STF को पता चला कि यह पूरा नेटवर्क सुनियोजित आपराधिक साजिश के तहत चल रहा था। उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर निवासी सुनील कुमार और उसका भाई अशोक, पिंकी, नीरव चौधरी, प्रदीप, धनंजय सहित कई एजेंट युवकों को विदेश भेजने, फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराने और उन्हें म्यावाडी में बंधक बनवाने में शामिल पाए गए। अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ये एजेंट चीन-समर्थित साइबर क्राइम गैंग से जुड़े हुए थे।

22 नवंबर 2025 को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन कुमाऊँ परिक्षेत्र में गंभीर धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई। सुनील कुमार और नीरव चौधरी के खिलाफ पहले से ही मानव तस्करी से संबंधित मामले जसपुर और सूरत में दर्ज थे, जिनमें उन्हें गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है। अन्य आरोपियों की तलाश और साक्ष्य संग्रहण जारी है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक STF नवनीत सिंह ने युवाओं से अपील की कि विदेश रोजगार के नाम पर किसी एजेंट पर आंख मूंदकर भरोसा न करें। उन्होंने कहा कि ऐसे गैंग साइबर अपराध के लिए मानव तस्करी कर रहे हैं, इसलिए संदिग्ध एजेंटों की जानकारी तुरंत स्थानीय पुलिस या STF को दें, ताकि किसी की जिंदगी जोखिम में न पड़े।





