हल्द्वानी। कुमाऊं के सबसे बड़े महानगर हल्द्वानी में सफाई और कूड़े निस्तारण की जिम्मेदारी नगर निगम की है। हालांकि, निगम के कई वर्षों से किए जा रहे दावे केवल कागजों तक ही सीमित रहे हैं। गर्मियों में दुर्गंध और बरसात के मौसम में संक्रामक रोगों का खतरा पैदा करने वाला ट्रंचिंग ग्राउंड आज भी शहर के लिए एक बड़ी समस्या बना हुआ है।नगर निगम द्वारा बार-बार यह दावा किया जाता है कि लाखों टन कूड़े का निस्तारण कर इसे पूरी तरह से साफ किया जाएगा, लेकिन पिछले 10 सालों से यह समस्या जस की तस बनी हुई है। हल्द्वानी शहर से प्रतिदिन लाखों मेट्रिक टन कूड़ा निकलता है और इसके अलावा नैनीताल जिले के अन्य नगर पालिका और नगर पंचायतों का कूड़ा भी इस ट्रेनिंग ग्राउंड में डाला जाता है। बावजूद इसके, इस कूड़े के निस्तारण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि कूड़ा अब हाईवे पर गिरने लगा है और गर्मियों में इसमें आग लग जाती है, जिससे पूरा इलाका दुर्गंध से भर जाता है।
वहीं, बरसात के दिनों में यही ट्रंचिंग ग्राउंड संक्रामक रोगों को बढ़ावा देता है। नगर निगम के अधिकारी हालांकि सरकारी दफ्तरों में बैठकर बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन जमीन पर कोई असर देखने को नहीं मिलता। इसका खामियाजा शहर की लाखों की आबादी को भुगतना पड़ रहा है। इधर, नगर आयुक्त विशाल मिश्रा ने बताया कि पूर्व में कूड़े के निस्तारण के लिए एक प्लांट लगाया गया था और उपलब्ध धनराशि के अनुसार कूड़े का निस्तारण किया गया था। हालांकि, निविदा आमंत्रित करने में तकनीकी कारणों के चलते सफलता नहीं मिल पाई थी। कल ही शासन से निर्देश प्राप्त हुए हैं, और जल्द ही नई निविदा आमंत्रित की जाएगी। इस बार निविदा में कूड़ा निस्तारण के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरों से निगरानी, और आग लगाने वाले अराजक तत्वों के खिलाफ कार्यवाही भी सुनिश्चित की जाएगी। नगर निगम के अनुसार, इस बार कूड़े की समस्या से जल्द ही निजात पाने के प्रयास किए जाएंगे।