हल्द्वानी। रेशम विकास विभाग के उपनिदेशक कुमाऊँ मंडल हेम चंद्र ने रेशम के कोकुन का उपयोग कर भगवान के चित्र बनाने की अनोखी पहल की है। यह प्रयास केवल कला का प्रदर्शन नहीं, बल्कि भक्ति और श्रद्धा का एक अनूठा प्रतीक भी है। हेम चंद्र के इस अभिनव कार्य ने न केवल रेशम उद्योग को एक नया आयाम दिया है, बल्कि स्थानीय कला को भी प्रमोट किया है। इन चित्रों की विशेषता यह है कि वे दर्शकों को आकर्षित करते हैं और रेशम उद्योग में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
यह पहल आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। हेम चंद्र का यह कार्य सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के साथ-साथ स्थानीय महिलाओं को सशक्त बनाने में भी सहायक है। उनकी यह अभिनव पहल निश्चित रूप से उत्तराखंड की कला और उद्योग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी।