- ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया के आधार पर पहली बार लागू हुआ आरक्षण का प्रथम चक्र, आपत्तियों के लिए खुला द्वार
देहरादून। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 की उलटी गिनती अब और तेज हो गई है। शुक्रवार को पंचायतीराज विभाग ने राज्य के 13 में से 12 जिलों (हरिद्वार को छोड़कर) में जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर आरक्षण का अनंतिम प्रस्ताव जारी कर दिया, जिससे पंचायत चुनावी परिदृश्य में राजनीतिक हलचल और तेज हो गई है। पहली बार सुप्रीम कोर्ट के ट्रिपल टेस्ट फार्मूले के तहत यह आरक्षण प्रक्रिया अपनाई गई है, जो अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व को लेकर एक संवैधानिक और अनुभवजन्य व्यवस्था पर आधारित है।


जारी प्रस्ताव में विभिन्न जिलों के अध्यक्ष पदों को महिला, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और अनारक्षित श्रेणियों में बांटा गया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह प्रथम चक्र का आरक्षण है, जिसकी अंतिम घोषणा 6 अगस्त को की जाएगी। इसके लिए 2 अगस्त से 4 अगस्त तक आपत्तियां आमंत्रित की गई हैं। इस प्रस्ताव के बाद प्रदेशभर में संभावित दावेदारों और राजनीतिक दलों में मंथन शुरू हो गया है।





