देहरादून। उत्तराखंड एसटीएफ ने 20 साल से फरार एक कुख्यात इनामी डकैत को तमिलनाडु से गिरफ्तार कर लिया है। यह डकैत हरिद्वार के इलाहाबाद बैंक में 2004 में हुए डकैती कांड का प्रमुख आरोपी था, जिस पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित था। एसटीएफ की टीम ने अत्याधुनिक तकनीक और मैनुअल पुलिसिंग के संयोजन से यह बड़ी सफलता हासिल की है। एसटीएफ के एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि 2004 में हरिद्वार स्थित इलाहाबाद बैंक में दिनदहाड़े डकैती की वारदात के बाद से आरोपी उदय उर्फ विक्रांत फरार था। इस डकैती के दौरान बदमाशों ने लगभग 9.61 लाख रुपये लूटे थे। घटना के कुछ समय बाद पुलिस मुठभेड़ में गिरोह का सरगना टीपू यादव मारा गया था, जबकि उदय तब से फरार चल रहा था। पुलिस ने आरोपी की तलाश में लगातार कोशिशें कीं, लेकिन वह देश के विभिन्न राज्यों में अपनी पहचान छुपाकर भागता रहा। एसटीएफ की टीम ने उपनिरीक्षक विद्या दत्त जोशी के नेतृत्व में तमिलनाडु के वेल्लोर जिले में दबिश दी और अथक प्रयासों के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
एसटीएफ के अनुसार, 17 दिसंबर 2004 को हरिद्वार के इलाहाबाद बैंक में 4 से 5 बदमाशों ने तमंचे के बल पर कैशियर और स्टाफ को बंधक बनाकर 9 लाख 61 हजार रुपये लूटे थे। इस वारदात के बाद कोतवाली हरिद्वार में मुकदमा दर्ज हुआ और तत्कालीन एसएसपी अभिनव कुमार (वर्तमान पुलिस महानिदेशक) ने इस मामले को गम्भीरता से लिया। कुछ ही समय बाद पुलिस ने मुठभेड़ में गिरोह के सरगना टीपू यादव को मार गिराया था, लेकिन उदय लगातार फरार रहा। पूछताछ में गिरफ्तार आरोपी उदय ने बताया कि बैंक डकैती से पहले वह बिहार के पटना क्षेत्र में एक व्यक्ति का फिरौती के लिए अपहरण कर चुका था। बैंक डकैती के बाद पकड़े जाने के डर से वह विशाखापट्टनम में अपने भाई के साथ छिपा रहा और वहां कपड़े की ठेली लगाकर अपना जीवन यापन करने लगा। इस सफलता में एसटीएफ के इंस्पेक्टर अबुल कलाम, उपनिरीक्षक विद्या दत्त जोशी, हे०कानि० संजय कुमार सहित अन्य पुलिसकर्मियों का अहम योगदान रहा।