- कांग्रेस व आम आदमी पार्टी पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप
हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़। 2022 के विधानसभा चुनावों की तैयारियां शुरू हो गयी हैं। सियासी दलों के नेता भी चुनावी मुंड में आ गये हैं। आगामी चुनावों की रणनीतियों को देखते हुए दिग्गज नेता भी अपनी तैयारियों को अन्तिम रूप देने में लगे हैं। इधर कुछ नेता सियासी पटल पर ऐसे हैं कि जो काम पर विश्वास रखते हैं लेकिन प्रचार पर नहीं। वे राजनीति को सेवा भाव मानकर संगठन को समर्पित रहते हैं। इसी समर्पण भाव के कारण वे उत्तराखंड में ही नहीं वरन अन्य प्रदेशों में भी अपनी धाक जमा चुके हैं। वहीं पार्टी उनके अनुभव को देखते हुए उत्तराखण्ड में अहम जिम्मेदारी से नवाज सकती है। ऐसे ही एक दिग्गज हैं सुरेश भट्ट।
सुरेश भट्ट उत्तराखण्ड की राजनीति में एक जाना-पहचाना नाम है। वे सर्वसुलभ माने जाते हैं और हरियाणा में अपनी संगठनात्मक कार्यकुशलता के चलते वहां भाजपा का परचम लहरा चुके हैं। वर्तमान में वे उत्तराखण्ड में भाजपा प्रदेश महामंत्री के पद का दायित्व निभा रहे हैं। इधर राज्य के सियासी गलियारों में इस बात की चर्चाएं भी हैं कि वे आगामी चुनावों के बाद राज्य में कोई महत्वपूर्ण सियासी जिम्मेदारी से भी नवाजे जा सकते है। उनकी आगामी रणनीतियों पर हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज ने विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत है बातचीत के संक्षिप्त अंशः
- भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ सभी पार्टियां तुष्टीकरण का आरोप लगाती है। उत्तराखंड में विगत माह कांग्रेस ने पांच प्रदेश अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी ने तीन प्रदेश अध्यक्ष बनाए लेकिन इसमें मुस्लिमों को प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया? क्या ये तुष्टिकरण की सियासत नहीं है।
सुरेश भट्ट- भारतीय जनता पार्टी व मोदी जी का नारा है कि सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास। आजादी से अब तक कांग्रेस व अन्य पार्टियां मुस्लिमों व अन्य गरीब तबके को फुसलाकर वोट बटोरती आयी हैं। इन दलों ने विकास के नाम पर सभी को छला है। भारतीय जनता पार्टी इन सब बातों से ऊपर उठकर सब के विकास के लिए कृत संकल्प है। हमारे यहां तुष्टीकरण की राजनीति नहीं होती है। ये दल जिस समाज के उत्थान का यह दावा करते हैं, उसी समाज से उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष ना बनाया जाना इस बात को दर्शाता है के ये पार्टियां मुस्लिमों को मात्र वोट बैंक समझती हैं। यह बात मुस्लिमों को समझनी होगी।
- आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में सत्ता संघर्ष को त्रिकोणीय बनाने के लिए संघर्षरत है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार आने पर एक परिवार में एक बेरोजगार को 5000 रू0 का भत्ता दिया जाएगा?
सुरेश भट्ट- आम आदमी पार्टी दिल्ली में अपने किए गए कार्यों का बखान करें तो समझ में आता है। परंतु खुद केंद्र की बैसाखी पर चलने वाली व और अपने को हाईलाइट करने के लिए नौटंकी करना ही आम आदमी पार्टी का काम है। उत्तराखंड की अपनी समस्याएं हैं तथा भारतीय जनता पार्टी उन समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए योजनाएं बना रही है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार व अन्य सुविधाएं उपलब्ध हो सके। उनकी घोषणाएं मात्र कोरी कल्पना हैं। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि ना नौ मन तेल होगा ना राधा नाचेगी।
- केजरीवाल के हल्द्वानी दौरे के दौरान आरोप है कि स्थानीय मीडिया की उपेक्षा की गयी और राष्ट्रीय मीडिया को महत्व दिया गया। हालाकि केजरीवाल के खेद जताने के बाद यह मामला सुलझ गया था। क्या स्थानीय मीडिया की उपेक्षा गलत नहीं है।
सुरेश भट्ट- अरविंद केजरीवाल अपने आप को हाईलाइट में रखने के लिए आए दिन ऐसा कार्य करते हैं कि जिससे उनको मीडिया कवरेज लगातार मिलती रहे। इससे मुख्य बिंदुओं से आम जनता का ध्यान हट जाता है और किसी बात को लेकर धरना करना उनकी आदत में शुमार है। स्थानीय मीडिया को बुलाकर उचित स्थान ना देना उनकी मानसिकता को दिखाता है। जबकि स्थानीय मीडिया का भी अपना अलग महत्व है तथा अपनी बात स्थानीय स्तर पर रखने के लिए स्थानीय मीडिया की आवश्यकता होती है। केजरीवाल की मानसिकता इससे पता चलती है कि अपने आप को बड़ा नेता दिखाने के चक्कर में स्थानीय मीडिया को महत्व न दिया जाना कहां तक उचित है।ऐसे नेता उत्तराखंड का क्या भला कर सकते हैं।
- उत्तराखंड की राजनीति में संभावित मुख्यमंत्री में सुरेश भट्ट का नाम वर्तमान समय में चर्चा में चल रहा है। इसमें आपका क्या कहना है?
सुरेश भट्ट हंसते हुए, भारतीय जनता पार्टी में पार्टी ही सर्वमान्य है तथा 2022 विधानसभा चुनाव में कौन मुख्यमंत्री बनेगा यह भविष्य के गर्भ में है। भारतीय जनता पार्टी में संगठन ही सर्वोपरि है और संगठन में मेरा पहला दायित्व 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को सभी के सहयोग से सत्ता में लाना है। इसलिए मुख्यमंत्री कौन बनेगा, यह काम संगठन को करना है। वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपना दायित्व अच्छी तरह से निभा रहे हैं।
- भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह चुनावी मूड में आ चुकी है इसलिए कौन-कौन से राष्ट्रीय नेता उत्तराखंड का दौरा करने वाले हैं?
सुरेश भट्ट- भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व उत्तराखंड प्रभारी कई दौरे कर चुके हैं। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह का दौरा अभी प्रस्तावित है। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा भी प्रस्तावित है। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी व कई केंद्रीय मंत्री व नेता आचार संहिता लगने से पहले उत्तराखंड का दौरा करेंगे और उत्तराखंड को कई सौगात से नवाज़ेंगे।
कहां गये केजरीवाल के वादे
आम आदमी पार्टी चुनावों से पहले वीआईपी कल्चर से दूर रहने का वादा करती थी। पार्टी के सर्वेसर्वा केजरीवाल जहां सुरक्षा, बंगला और अन्य सुविधाएं नहीं लेने की बात कहते थे लेकिन चुनाव जीतने के बाद ये वादे सब गायब हो गये हैं। वहीं पार्टी में लोकतंत्र की बात करने वाले केजरीवाल बार-बार संयोजक बन रहे हैं। अगर यही होता रहा तो आम आदमी पार्टी का मतलब ही क्या रह जाता है।
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