हल्द्वानी। शनिवार को आयुक्त दीपक रावत ने अपने कैम्प कार्यालय में जनसुनवाई का आयोजन किया, जिसमें भूमि विवाद, पारिवारिक विवाद, अतिक्रमण, सड़क, जलभराव और आपदा राहत से संबंधित कई शिकायतें आईं। आयुक्त ने मौके पर ही कई वर्षों से लंबित भूमि विवाद के मामलों का समाधान करते हुए लोगों को धनराशि और भूमि वापस दिलाई, जिसके लिए लोगों ने उनका आभार व्यक्त किया। आयुक्त रावत ने जनपद के सभी सीएचसी/पीएचसी केंद्रों में चिकित्सकों और कर्मियों की बायोमैट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी और सीएमओ को इन केंद्रों में बायोमैट्रिक मशीनें लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों के चिकित्सा केंद्रों में 100% चिकित्सक की तैनाती सुनिश्चित करने के लिए सख्त आदेश दिए, ताकि आपदा के समय जब सड़कें बंद हो जाती हैं, लोगों को आवश्यक चिकित्सा सुविधा मिल सके।
ओखलढूंगा चिकित्सालय के वार्ड ब्वॉय द्वारा रजिस्टर में फर्जी हस्ताक्षर की घटना पर आयुक्त ने सीएमओ और चिकित्सक डॉ. सोहित चंद्र को तलब किया। डॉ. सोहित केवल दो दिन उपस्थित रहे, लेकिन पूरे महीने के हस्ताक्षर रजिस्टर में पाए गए, जिस पर आयुक्त ने संतोषजनक जवाब न मिलने पर जांच के आदेश दिए। जनसुनवाई के दौरान रामगढ़ ब्लॉक में जल जीवन मिशन के तहत पुरानी पाइपलाइन से पानी जोड़ने की शिकायत पर आयुक्त ने जेजेएम के अधिशासी अभियंता को तलब किया। एक अन्य मामले में अर्चना इंटीरियर डिजाइनर ने 60 लाख रुपये की धनराशि न मिलने की शिकायत की, जिस पर दोनों पक्षों को अगले जनसुनवाई में तलब किया गया। आयुक्त ने भूमि विवाद के मामलों में सभी को सलाह दी कि भूमि क्रय के बाद उसका सीमांकन और चाहरदीवारी अवश्य कराएं ताकि भविष्य में विवाद से बचा जा सके।