- सहकारी संस्थाओं में भी बढ़ेगा महिलाओं का प्रतिनिधित्व
देहरादून। सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि सहकारी संस्थाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने से उनके संचालन में और पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ेगी। डॉ. रावत ने कहा कि महिलाओं की भागीदारी से सहकारिता के प्रति विश्वसनीयता बढ़ेगी और संतुलित निर्णय लिए जा सकेंगे, जो सहकारी समिति के सभी सदस्यों के हितों और जरूरतों को दर्शाएंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड पहला राज्य है, जहाँ महिलाओं के लिए सहकारी संस्थाओं में 33 प्रतिषत आरक्षण की मंजूरी दी गई है।
उत्तराखंड में महिलाओं के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि धामी कैबिनेट ने सहकारी बैंकों और संस्थाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण के सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। राज्य में 10 जिला सहकारी बैंक, शीर्ष सहकारी संस्था, 670 एमपैक्स ( बहुद्देश्यीय सहकारी समिति) संचालित होने के साथ, नेतृत्व के पदों पर महिलाओं की कमी स्पष्ट रूप से दिखाई देती थी। उत्तराखंड सहकारी समिति अधिनियम 2003 नियमावली 2004 के अंतर्गत निबंधित सभी प्रकार की सहकारी समितियों एवं संस्थाओं में यह संशोधन लागू होंगे।
सहकारिता विभाग की शीर्ष सहकारी संस्था
- उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड
- उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ (UCF)
- उत्तराखंड आवास एवं निर्माण सहकारी संघ
- प्रादेशिक कोऑपरेटिव यूनियन (PUC)
- उपभोक्ता सहकारी संघ
- उत्तराखंड रेशम फेडरेशन
- उत्तराखंड को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन
- उत्तराखंड भेड़ -बकरी एवं शशक फेडरेशन
- उत्तराखंड मत्स्य सहकारी संघ
- श्रम निर्माण संविदा सहकारी संघ
- उत्तराखंड सेब उत्पादक एवं विपणन सहकारी संघ
- उत्तराखंड साइलेज उत्पादन एवं विपणन सहकारी संघ
- उत्तराखंड मत्स्य सहकारी संघ
- 10 जिला सहकारी बैंक
- 670 एम पैक्स (बहुद्देश्यीय सहकारी समिति)