देहरादून। इंस्टाग्राम पर विभिन्न कम्पनियों को रेटिंग करने के टास्क कर, पैसे कमाने के नाम पर देश भर में लगभग 19 करोड़ रुपए की ठगी करने वाले गिरोह के एक सदस्य को उत्तराखंड की एसटीएफ ने राजस्थान की राजधानी जयपुर से गिरफ्तार किया है। संदिग्ध आरोपी के ऊपर पूरे भारत में राष्ट्रीय साइबर पोर्टल पर कुल 33 शिकायतें पंजीकृत हैं। यह शिकायतें गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, दिल्ली व तेलंगाना में सामने आईं। एसटीएफ ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देहरादून निवासी एक व्यक्ति ने इस आशय की शिकायत की कि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा टेलीग्राम के माध्यम से सम्पर्क कर, उसे पार्ट टाईम जॉब कर लाभ कमाने का लालच दिया। जिसके पश्चात, उक्त अज्ञात व्यक्ति द्वारा मो0नं0 998705391 से उससे सम्पर्क कर स्वंय को ‘आई ग्लोबल केपीओ कम्पनी’ से बताकर ऑनलाईन जॉब का ऑफर देते हुए टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर लगातार भिन्न-भिन्न कम्पनियों के नाम के लिंक भेजकर रेटिंग करने जैसे टास्क देकर लाभ कमाने का लालच दिया। साथ ही, अधिक लाभ कमाने का लालच देकर, भिन्न-भिन्न तिथियों में भिन्न-भिन्न लेन देन के माध्यम से कुल चौदह लाख रुपये की धोखाधड़ी की। उन्होंने बताया कि इस शिकायत पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन, देहरादून पर मु0अ0सं0 19/23 धारा 420,120 बी भादवि व 66(डी) आईटी एक्ट बनाम अज्ञात का अभियोग दर्ज कर विवेचना निरीक्षक देवेन्द्र नबियाल को दी गयी।
बताया कि अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही हेतु गठित टीम द्वारा घटना में तकनीकी विश्लेषण से प्रकाश में आये अभियुक्त ऋतिक सेन पुत्र मुकेश सेन, आयु 23 वर्ष, निवासी निकट पटवार भवन, मुकुन्दपुरा रोड, जयसिंहपुरा, भान करोटा, जयपुर (राजस्थान) को जयपुर से गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त के विरुद्ध विभिन्न राज्यों में कुल तैतीस मामले दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि अभियुक्तगणों द्वारा फर्जी वैब साईट तैयार कर स्वंय को ‘आई ग्लोबल केपीओ कम्पनी’ के कर्मचारी/अधिकारी बताते हुये ऑनलाईन जॉब कर लाभ कमाने की बात कह, टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ते हैं। तत्पश्चात, विभिन्न कम्पनियों के नाम के लिंक भेजकर रेटिंग करने आदि टास्क देकर लाभ कमाने के नाम पर धोखाधडी करते हैं। उन्होंने बताया कि ये धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैक खातो में जमा करवाकर उक्त धनराशि का प्रयोग करते है। उन्होंने बताया कि अभियुक्तगण द्वारा उक्त कार्य हेतु फर्जी सिम आईडी कार्ड का प्रयोग कर अपराध कारित किया जाता है। अभियुक्त द्वारा विभिन्न मोबाईल हैण्डसेट, सिम कार्ड व फर्जी बैंक खातों का प्रयोग किया जाता है। कुछ पीडितों से एक मोबाईल फोन, सिम कार्ड व बैंक खाते का प्रयोग कर धोखाधड़ी करने के बाद इनके द्वारा नये सिम, मोबाईल हैण्डसैट व बैंक खातों का प्रयोग किया जाता है।