रुद्रपुर। पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊँ परिक्षेत्र डॉ० नीलेश आनंद भरणे ने सोमवार को ऊधम सिंह नगर जनपद के रुद्रपुर सर्कल के आदेश कक्ष (ओआर) लेकर धोखाधड़ी से संबंधित अभियोगों की समीक्षा कर कार्रवाई की। आईजी ने कोतवाली रुद्रपुर में नियुक्त उप निरीक्षक ना0पु0 जयप्रकाश के पास सबसे ज्यादा 21 अभियोग लम्बित चल है, जो किसी विगत लगभग एक माह से अनुपस्थित चल रहा है, के सम्बन्ध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ऊधम सिह नगर को निर्देशित किया, कि उक्त उपनिरीक्षक को तत्काल निलंबित किया जाये। साथ ही कोतवाली रुद्रपुर में उपनिरीक्षक अशोक फर्त्यालय के पास धोखाधडी के 06 अभियोग लम्बित है, जिसमें 16 अभियुक्त है, जिनकी गिरफ्तारी हेतु कोई प्रयास नहीं किया, लिहाजा उक्त उपनिरीक्षक की प्रारम्भिक जांच किये जाने के निर्देश दिये।इधर आईजी ने कोतवाली रुद्रपुर में नियुक्त उ0नि0 ना0पु0 अनुराग सिंह द्वारा 14 संदिग्ध अभियुक्तों को वांछित नही किया गया, जिसकी सत्यनिष्ठा संदिग्ध के सम्बन्ध में प्रारम्भिक जांच के आदेश दिये। वही थाना ट्रांजिट कैम्प में नियुक्त उ0नि0 ना0पु0 विकास रावत द्वारा बलवे के एक अभियोग में केवल 01 अभियुक्त के विरुध ही चार्जशीट प्रेषित करने, तथा चोरी के अभियोग का अनवारण न करने तथा 06-06 महिने से अकारण किसी भी अभियोग में वैधानिक कार्यवाही न करने का लेकर लाईन हाजिर करने के निर्देश दिये।
समीक्षा के दौरान पुलिस महानिदेशक नीलेश आनंद भरनी ने थाना ट्राजिट कैम्प में ही नियुक्त उ0नि0 ना0पु0 पंकज बेलवाल द्वारा उच्च अधिकारी गणों के द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन न करने व अपने कार्य के प्रति लापरवाही के सम्बन्ध में सत्यनिष्ठा संदिग्धता पर प्रारम्भिक जांच करने के निर्देश दिये। इससे पूर्व पुलिस महानिरीक्षक द्वारा समस्त विवेचकों के विवेचना रजिस्टरों का गहराई से अवलोकन किया। विवेचकों के विवेचना रजिस्टर में किसी भी परिवेक्षण अधिकारी द्वारा कोई परिवेक्षण नहीं किया गया है, जिस पर आईजी द्वारा काफी नाराजगी व्यक्त करते हुए पुलिस अधीक्षक अपराध व क्षेत्राधिकारी रुद्रपुर को निर्देशित किया कि रोज अपने-अपने सर्किल में 5-5 विवेचकों का ओआर लेकर उनका परिवेक्षण करेंगे।शिकायती प्रार्थना पत्रों का अवलोकन करने पर कोतवाली रुद्रपुर की कार्यवाही संतोषजनक पायी गयी तथा ट्रांजिट कैम्प में 92 शिकायती प्रार्थना पत्र अभी लम्बित चल रहे है, जिनके निस्तारण हेतु क्षेत्राधिकारी रुद्रपुर को 03 दिवस के भीतर शिकायती प्रार्थना पत्र निस्तारण करने के निर्देश दिये गये। आई जी द्वारा बताया गया कि लापरवाही बरतने पर किसी को बख्शा नहीं जाएगा साथ ही अच्छा कार्य करने वालों को प्रोत्साहित भी किया जाएगाl