एजेंसी/नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की शिफ्टिंग का मामला लगभग तय होने के बाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन में बुधवार को जबर्दस्त बवाल हो गया। अधिवक्ताओं ने इसका जोरदार विरोध किया। भारी हंगामा के बाद बैठक को मुल्तवी कर दिया गया।दरअसल नैनीताल में हाईकोर्ट शिफ्टिंग को लेकर लंबे समय से अधिवक्ताओं के बीच चर्चा-परिचर्चा चल रही है। अधिवक्ता भी इस मामले में दो धड़ों में बंटे गये हैं। कुछ अधिवक्ता इसका विरोध कर रहे हैं जबकि दूसरा वर्ग इसके पक्ष में आ गया है। इन अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट के शिफ्ट होने के कदम का स्वागत करते हुए हाईकोर्ट परिसर में मिष्ठान वितरण भी कर दिया। वहीं दूसरा धड़ा लगातार बैठक कर अपना विरोध दर्ज करने में जुटा है।
आज इस मामले को लेकर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से अधिवक्ताओं की एक आम बैठक बुलायी गयी। हाईकोर्ट बार हाल में काफी संख्या में अधिवक्ता जुटे। बार के अध्यक्ष प्रभाकर जोशी की ओर से अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए बताया गया कि मंगलवार को हाईकोर्ट बार की पूरी कार्यकारिणी इस मामले को लेकर मुख्य न्यायाधीश से मिली थी। मुख्य न्यायाधीश की ओर से स्पष्ट कहा गया कि सरकार की ओर से हाईकोर्ट शिफ्ट होने को लेकर उनके पास प्रस्ताव आया था। इस पर उन्होंने अपनी राय दे दी है। मुख्य न्यायाधीश की ओर से यह भी कहा गया कि नयी जगह में सभी प्रकार की सुविधायें एक ही स्थान पर सुलभ होंगी।
अध्यक्ष की बातों पर एतराज जताते हुए कुछ अधिवक्ता भड़क गये और उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी। आक्रोशित अधिवक्ताओं ने बार पदाधिकारियों पर यहां तक आरोप लगा दिया कि उन्होंने हाईकोर्ट शिफ्ट होने के मामले में मुख्य न्यायाधीश से अपनी सहमति व्यक्त कर दी है। हालांकि जोशी ने और अन्य अधिवक्ताओं ने इससे इनकार किया। इस बीच अधिवक्ता रमन साह व अधिवक्ता एमसी पंत ने हाईकोर्ट शिफ्ट होने का विरोध किया लेकिन जब अधिवक्ता पूरन सिंह रावत बोलने लगे तो अधिवक्ता फिर आक्रोशित हो गये और बैठक में पूरी तरह से बवाल हो गया। यहां तक कि एक अधिवक्ता हाथापायी पर उतर आये। जब स्थिति अधिक बिगड़ गयी तो बार के अध्यक्ष प्रभाकर जोशी व महासचिव विकास बहुगुणा ने बैठक को बीच में ही स्थगित करने की घोषणा कर दी। दूसरी ओर नैनीताल जिला बार की ओर से भी हाईकोर्ट शिफ्टिंग के कदम का विरोध शुरू हो गया है। बुधवार को जिला बार के अध्यक्ष नीरज साह और महासचिव दीपक रूबाली के नेतृत्व में हुई बैठक में इसका जोरदार विरोध किया गया।