हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी में रेलवे की भूमि पर अवैध रूप से काबिज अतिक्रमणकारियों को बुधवार को कोई राहत नहीं मिली, साथ ही सभी मामलों को अन्य बेंच को भेज दिया है। दरअसल रेलवे की भूमि पर काबिज मुस्तफा हुसैन, मोहम्मद गुफरान व भूपेन्द्र आर्य और अन्य की ओर से उच्च न्यायालय में अलग-अलग जनहित याचिकायें दायर कर मांग की गयी कि सरकार उन्हें हटाने के साथ ही उनको पुनर्वासित करे। याचिकाकर्ताओं की ओर से यह भी कहा गया कि उनका मामला अन्य अतिक्रमणकारियों से अलग है।
याचिकाकार्ताओं की ओर से इस मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेश का हवाला भी दिया गया लेकिन मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ के सामने याचिकाकर्ताओं की एक भी दलील काम नहीं आयी। उन्होंने याचिकाकर्ताओं को कोई राहत नहीं देते हुए सभी याचिकाओं को न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की युगलपीठ के समक्ष भेज दिया। ये पीठ रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण के मामले की पहले से सुनवाई कर रही है।
उल्लेखनीय है कि हल्द्वानी के वनभूलपुरा में रेलवे की 29 एकड़ भूमि पर 4365 अतिक्रमणकारियों की ओर से अवैध कब्जा किया हुआ है। उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी के रवि शंकर जोशी की जनहित याचिका पर रेलवे को अतिक्रमणकारियों को हटाने के साफ साफ निर्देश जारी किये हैं। शीर्ष अदालत की ओर से भी अतिक्रमणकारियों को राहत नहीं मिल पायी थी।
इसके बाद न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की अगुवाई वाली पीठ ने अतिक्रमणकारियों को अंतिम मौका देते हुए दो सप्ताह के अंदर अपना दावा प्रस्तुत करने का मौका दिया था। तब मात्र 36 अतिक्रमणकारी ही अपना दावा प्रस्तुत कर सके।
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