- भीमताल क्षेत्र के चाफी-अलचौना गांवों में आयोग ने किया भ्रमण
- लोकसंवाद में उभरे कृषि, सड़कों, वन्यजीव और डिजिटल कनेक्टिविटी से जुड़े मुद्दे
नैनीताल। उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों के विकास की दिशा तय करने के लिए 16वें वित्त आयोग की टीम मंगलवार को दो दिवसीय दौरे पर नैनीताल पहुंची। टीम ने भीमताल विकास खंड के चाफी और अलचौना गांवों का दौरा कर वहां की भौगोलिक परिस्थितियों, स्थानीय चुनौतियों और विकास की संभावनाओं का जायजा लिया। इस दौरान आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया और सदस्यों ने ग्रामवासियों, जनप्रतिनिधियों और स्थानीय संगठनों से सीधे संवाद कर क्षेत्रीय समस्याओं और सुझावों को गंभीरता से सुना। आयोग के स्वागत में पारंपरिक छोलिया नृत्य, लोकगीतों और फूल मालाओं से भव्य सांस्कृतिक आयोजन हुआ। इसके बाद आयोग की टीम ने मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना के तहत पालीहाउस नर्सरी का निरीक्षण कर लिलियम फूलों के उत्पादन और निर्यात की जानकारी प्राप्त की। डॉ. पनगढ़िया ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में कृषि और बागवानी की अपार संभावनाएं हैं और सरकार इस दिशा में पलायन रोकने के लिए योजनाएं चला रही है।

चाफी के इंटर कॉलेज में हुए जनसंवाद कार्यक्रम में ग्रामीणों ने आवाज़ बुलंद करते हुए कृषि, सड़कों की हालत, वन्यजीवों से फसलों को होने वाले नुकसान, शिक्षा और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसे अहम मुद्दे सामने रखे।महिलाओं ने नेटवर्क की अनुपलब्धता को गंभीर समस्या बताया, जिससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। ग्रामीणों ने वन पंचायतों के जल संरक्षण के प्रयासों को सराहा और इनके लिए वित्तीय सहायता की मांग की। विधायक राम सिंह कैड़ा ने कहा कि पंचायतों से प्राप्त सुझाव नीतियों की दिशा तय करेंगे। ग्राम प्रधान पूरन भट्ट और अन्य वक्ताओं ने खेतों की सुरक्षा, सोलर लाइट, कोल्ड स्टोरेज और किटों के लिए सहायता जैसे व्यावहारिक सुझाव प्रस्तुत किए। कोटाबाग के बलबीर सिंह और हिमांशु पांडे ने पर्वतीय क्षेत्रों की योजनाएं जनसंख्या नहीं, भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर बनाने की मांग की।

आयोग अध्यक्ष ने बताया कि उत्तराखंड 16वें वित्त आयोग के भ्रमण का 26वां राज्य है और टीम जून तक केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि कुछ समस्याएं राष्ट्रीय स्तर की हैं, जिनका समाधान रिपोर्ट के माध्यम से किया जाएगा, जबकि जिला व राज्य स्तरीय मुद्दों पर प्रशासन तत्परता से कार्य करे। कार्यक्रम के दौरान सहायता समूहों और विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का निरीक्षण भी किया गया, जिसमें स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था और महिला सशक्तिकरण की दिशा में सकारात्मक संदेश दिया। इस अवसर पर आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत, जिलाधिकारी वंदना, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव दिलीप जावलकर, वाई.के. पंत, सी. रवि शंकर, सोनिका, विनीत कुमार सहित कई प्रशासनिक अधिकारी व आयोग से जुड़े वरिष्ठ सदस्य उपस्थित रहे।